विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने बॉलीवुड को लेकर एक ‘इनसाइड स्टोरी’ शेयर की है. उन्होंने कहा कि यह न केवल टैलेंट का केंद्र है, बल्कि टैलेंट का ‘कब्रिस्तान’ भी है. उन्होंने उन लोगों की बात की जो लोग उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं और बिना किसी आय और पावर के कैसे शोबिज के दलदल में फंस जाते हैं.
‘कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर ने लिखा, ‘आप जो देख रहे हैं, वह बॉलीवुड नहीं है. असली बॉलीवुड अंधेरी गलियों में पाया जाता है. इसका निचला हिस्सा इतना स्याह है कि एक आम आदमी के लिए इसकी थाह पाना नामुमकिन है. इन अंधेरी गलियों में बिखरे, कुचले और दबे हुए सपने मिल सकते हैं.’
वे आगे कहते हैं, ‘बॉलीवुड अगर टैलेंट का म्यूजियम है तो टैलेंट का कब्रिस्तान भी है. यह रिजेक्शन के बारे में नहीं है. जो कोई भी यहां आता है, वह जानता है कि रिजेक्शन सौदे का हिस्सा है. यहां अपमान और शोषण है जो किसी भी तरह के कोमल सपनों, आशाओं और विश्वास को तोड़ देते हैं. भोजन के बिना जिंदा रह सकता है, लेकिन सम्मान और उम्मीदों के बिना जीना असंभव है. कोई भी मध्यमवर्गीय युवा उस स्थिति में होने की कल्पना करके कभी बड़ा नहीं हुआ है.’
(फोटो साभार: Twitter@vivekagnihotri)
उन्होंने आगे बताया कि कैसे असफल लोग कभी न खत्म होने वाली लड़ाई में समाप्त हो जाते हैं. वे लिखते हैं, ‘यह इतना कठिन है कि कोई लड़ने के बजाय हार मान लेता है. वे भाग्यशाली हैं, जो घर वापस जाते हैं. जो रह जाते हैं, अलग हो जाते हैं. जो लोग कुछ सफलता पाते हैं, लेकिन असली नहीं, वे ड्रग्स, शराब और हर तरह की बुरी चीजों में लिप्त हो जाते हैं. अब उन्हें पैसे की जरूरत है. इसलिए, उन्हें हर तरह के ‘फनी मनी’ से परिचित कराया जाता है. कुछ सफलताएं सबसे खतरनाक होती हैं.’
स्टार होने का दिखावा करते हैं लोग
वे आगे लिखते हैं, ‘आप बिना किसी आय और पावर के शोबिज में हैं. आपको स्टार की तरह दिखना है, स्टार की तरह पार्टी करना है, स्टार की तरह पीआर करना है, पर आप स्टार नहीं हैं. अपने आप को एक गैंगस्टर के ग्रुप में कल्पना करें, जहां आपको बिना बंदूक या चाकू के एक गैंगस्टर की तरह व्यवहार करना है. यह वह जगह है जहां आप अपमान और शोषण का शिकार बनते हैं. इंस्टाग्राम फ्री नहीं है. शूटिंग, अच्छे दिखने और बिजी दिखने के लिए पैसा लगता है.’
विवेक अग्निहोत्री ने कड़वा सच सामने रखा
उन्होंने आखिर में लिखा, ‘आप दिखावा करते हैं, कोई नहीं देखता है. आप चिल्लाते हैं, कोई नहीं सुनता. आप रोते हैं, कोई परवाह नहीं करता है. आप खुद को हंसते हुए लोगों से घिरा पाते हैं. आप अपने सपनों को चुपचाप दफनाते हैं, लेकिन फिर आप लोगों को नाचते हुए पाते हैं. आपके सपनों की कब्र. आपकी असफलता उनका उत्सव बन जाती है. आप चलते-फिरते मरे हुए आदमी हैं. विडंबना यह है कि आपके अलावा कोई भी आपको मरा हुआ नहीं देख सकता. एक दिन, आप सचमुच मर जाते हैं और फिर दुनिया आपको देखती है.’
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Tags: Vivek Agnihotri
FIRST PUBLISHED : August 21, 2022, 19:33 IST